निश्छल प्रेम की परिभाषा हो, या किसी कवि की कविता। स्थिर झील का पानी हो, या सरल, सलिल, सरिता। चमकीली किरण उषा की, या चाँद की शीतल चांदनी। मेघ मल्हार किसी का हो आप, या किसी राग की रागिनी। नित सोच सोच आपको मैं समझ नहीं पाता हूँ, अनमना सा रहता हूँ दीवाना हुआ जाता हूँ। खत लिखना भी चाहूँ खत लिखना भी न आये, इजहार ए मोहब्बत करने में शब्दकोश रिक्त हो जाये। अपना लो या ठुकरा दो कभी शिकवा ना करूंगा, निश्छल प्रेम है मरते दम तक आपको ही प्यार करूंगा।
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Nice
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